Category: Gyan Sagar

Pearls of Wisdom

क्रोध उवाच: प्रबोधचंद्र नाटक का पात्र ‘क्रोध’ स्वयं का परिचय देते हुए

क्रोध उवाच: प्रबोधचंद्र नाटक का पात्र ‘क्रोध’ स्वयं का परिचय देते हुए

भूमिका प्रबोधचंद्र नाटक प्रबोधचंद्र नाटक की रचना मूल संस्कृत में पंडित श्रीकृष्ण मिश्र जी ने सन १११६ में की थी. प्रबोध चन्द्रोदय नाटक का आसन संस [...]
Knowledge is the sun, love is the moon

Knowledge is the sun, love is the moon

The sun and the moon are the symbols of the spiritual life's search. Knowledge is the sun, love is the moon. Without knowledge you can't get wisdom an [...]
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